Motivational quotes by swami vivekananda in hindi part - 1

यहां हमें स्वामी विवेकानंद जी की सुविचार को प्रस्तुत करते हुए हर्ष हो रहा है। प्रस्तुत सुविचार "शक्तिदायी विचार" पुस्तक से लिया गया है, जिसमें स्वामी विवेकानंद जी के सुविचारों का संकलन है। 

Motivational quotes by swami vivekananda in hindi

Motivational quotes by swami vivekananda in hindi part - 1


एक विचार ले लो। उसी एक विचार के अनुसार अपने जीवन को बनाओ, उसी को सोचो, उसी का स्वप्न देखो और उसी पर और अवलंबित रहो। अपने मस्तिष्क, मांसपेशियों, स्नायुओ, और शरीर के प्रत्येक भाग को उसी विचार से ओतप्रोत होने दो और दूसरे सब विचारों को अपने से दूर रखो। यही सफलता का रास्ता है।

एक विचार ले लो। उसी एक विचार के अनुसार अपने जीवन को बनाओ, उसी को सोचो, उसी का स्वप्न देखो और उसी पर और अवलंबित रहो। अपने मस्तिष्क, मांसपेशियों, स्नायुओ, और शरीर के प्रत्येक भाग को उसी विचार से ओतप्रोत होने दो और दूसरे सब विचारों को अपने से दूर रखो। यही सफलता का रास्ता है।

2. तुम प्रभु की सन्तान, अमर आनंद के हिस्सेदार पवित्र और पूर्ण हो। ये पृथ्वीनिवासी ईश्वरस्वरूप भाइयों! तुम भला पापी? मनुष्य को पापी कहना ही पाप है, यह कथन मानवस्वरूप पर एक लांछन है। ऐ सिंहो, आओ और अपने तई भेड़–बकरी होने का भ्रम दूर कर दो। तुम अमर आत्मा, शुद्ध–बुद्ध–मुक्त–स्वभाव, शाश्वत और मंगलमय हो। तुम जड़ नहीं हो, तुम शरीर नहीं हो, जड़ तुम्हारा गुलाम है, तुम उसके गुलाम नहीं।

तुम प्रभु की सन्तान, अमर आनंद के हिस्सेदार पवित्र और पूर्ण हो। ये पृथ्वीनिवासी ईश्वरस्वरूप भाइयों! तुम भला पापी? मनुष्य को पापी कहना ही पाप है, यह कथन मानवस्वरूप पर एक लांछन है। ऐ सिंहो, आओ और अपने तई भेड़–बकरी होने का भ्रम दूर कर दो। तुम अमर आत्मा, शुद्ध–बुद्ध–मुक्त–स्वभाव, शाश्वत और मंगलमय हो। तुम जड़ नहीं हो, तुम शरीर नहीं हो, जड़ तुम्हारा गुलाम है, तुम उसके गुलाम नहीं।


3. जो अपने आप में विश्वास नहीं करता, वह नास्तिक है। प्राचीन धर्मों ने कहा है, वह नास्तिक हैं जो ईश्वर में विश्वास नहीं करता। नया धर्म कहता है, वह नास्तिक है जो अपने आप में विश्वास नहीं करता।

जो अपने आप में विश्वास नहीं करता, वह नास्तिक है। प्राचीन धर्मों ने कहा है, वह नास्तिक हैं जो ईश्वर में विश्वास नहीं करता। नया धर्म कहता है, वह नास्तिक है जो अपने आप में विश्वास नहीं करता।


4. विश्वास, विश्वास, अपने आप में विश्वास, ईश्वर में विश्वास – यहीं महानता का रहस्य है। यदि तुम पुराण की तैंतीस करोड़ देवताओं और विदेशियों द्वारा बतलाए हुए सब देवताओं में भी विश्वास करते हो, पर यदि अपने आप में विश्वास नहीं करते, तो तुम्हारी मुक्ति नहीं हो सकती। अपने आप में विश्वास करो, उस पर स्थिर रहो और शक्तिशाली बनो। 

विश्वास, विश्वास, अपने आप में विश्वास, ईश्वर में विश्वास – यहीं महानता का रहस्य है। यदि तुम पुराण की तैंतीस करोड़ देवताओं और विदेशियों द्वारा बतलाए हुए सब देवताओं में भी विश्वास करते हो, पर यदि अपने आप में विश्वास नहीं करते, तो तुम्हारी मुक्ति नहीं हो सकती। अपने आप में विश्वास करो, उस पर स्थिर रहो और शक्तिशाली बनो।


5. सफलता प्राप्त करने के लिए जबरदस्त सतत प्रयत्न और जबरदस्त इच्छा रखो। प्रयत्नशील व्यक्ति कहता है, "मैं समुद्र पी जाऊंगा, मेरी इच्छा से पर्वत टुकड़े-टुकड़े हो जाएंगे।" इस प्रकार की शक्ति और इच्छा रखो, कड़ा परिश्रम करो, तुम अपने उद्देश्य को निश्चित पा जाओगे। 

सफलता प्राप्त करने के लिए जबरदस्त सतत प्रयत्न और जबरदस्त इच्छा रखो। प्रयत्नशील व्यक्ति कहता है, "मैं समुद्र पी जाऊंगा, मेरी इच्छा से पर्वत टुकड़े-टुकड़े हो जाएंगे।" इस प्रकार की शक्ति और इच्छा रखो, कड़ा परिश्रम करो, तुम अपने उद्देश्य को निश्चित पा जाओगे।